हर साल गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है और बिजली के बिल लोगों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। ऐसे में सोलर एनर्जी की तरफ रुझान तेजी से बढ़ा है। लेकिन जो लोग नए हैं, उनके मन में एक आम सवाल रहता है – क्या 2kW का सोलर सिस्टम एक 1.5 टन के AC को 8 घंटे तक चला सकता है? इस सवाल का जवाब सीधा नहीं है, लेकिन हम आपको यहां आसान भाषा में इसका पूरा गणित समझाते हैं।

1.5 टन AC की पावर खपत कितनी होती है?
भारतीय घरों में मिडियम साइज के रूम के लिए 1.5 टन का AC सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। अब बात करें इसके बिजली खर्च की, तो एक इन्वर्टर टेक्नोलॉजी वाला 1.5 टन AC औसतन 1.5 से 2 यूनिट प्रति घंटा बिजली खपत करता है। यानी अगर आप इसे दिन में 8 घंटे चलाते हैं, तो यह 12 से 16 यूनिट रोजाना की खपत करेगा। ऐसे में महीने भर में लगभग 360 से 480 यूनिट बिजली केवल AC ही खा जाएगा, जो किसी भी छोटे सोलर सिस्टम के लिए एक बड़ी मांग है।
2kW सोलर सिस्टम कितनी बिजली पैदा करता है?
2kW का सोलर सिस्टम आमतौर पर 4 से 5 सोलर पैनलों से मिलकर बना होता है, हर पैनल लगभग 400-500 वाट का होता है। अगर मौसम साफ हो और हर दिन औसतन 5 घंटे तेज धूप मिले तो ये सिस्टम रोजाना 8 से 10 यूनिट बिजली बना सकता है। यानी महीने में यह सिस्टम अधिकतम 240 से 300 यूनिट बिजली ही देगा। अब जब AC को महीने में लगभग 480 यूनिट चाहिए और आपका सोलर सिस्टम सिर्फ 300 यूनिट तक बना पा रहा है, तो साफ है कि यह काफी नहीं होगा।
कब चल सकता है AC इस सिस्टम पर?
अगर आप दिन में सिर्फ 2 से 3 घंटे के लिए AC चलाना चाहते हैं और वह भी इन्वर्टर टेक्नोलॉजी वाला हो, तो 2kW सोलर सिस्टम किसी हद तक उसे चला सकता है – लेकिन तब भी सीमित स्थितियों में। इस दौरान घर के बाकी उपकरण जैसे फ्रिज, पंखे, टीवी इत्यादि की खपत को भी ध्यान में रखना जरूरी है। अगर आप पूरे दिन AC चलाना चाहते हैं, तो 2kW सोलर सिस्टम में या तो आपको ग्रिड सपोर्ट चाहिए होगा या बैटरी बैकअप। पूरी तरह से सोलर पर निर्भर रहना इस केस में मुश्किल है।
सही समाधान क्या है?
अगर आप चाहते हैं कि गर्मियों में AC आराम से चले और बिजली का बिल भी ना आए, तो कम से कम 3kW से 4kW का सोलर सिस्टम लगाना बेहतर रहेगा। ऐसा सिस्टम आपके AC के साथ-साथ घर के अन्य उपकरणों को भी सपोर्ट कर पाएगा। इसके अलावा, आप हाइब्रिड सोलर सिस्टम भी लगा सकते हैं जिसमें दिन में सोलर से और रात को बैटरी से सप्लाई मिले। सबसे जरूरी बात ये है कि सोलर में निवेश करने से पहले अपनी कुल बिजली खपत का कैलकुलेशन ज़रूर करें और किसी सोलर एक्सपर्ट से सलाह लें, ताकि आपका निवेश सही जगह पर जाए और आपको सालों तक उसका फायदा मिले।
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