अगर आप अपने घर की बिजली का खर्च कम करना चाहते हैं, तो अब आपके पास सुनहरा मौका है। ओडिशा में टाटा पावर (TATA Power) के नेतृत्व वाली डिस्कॉम कंपनियों ने एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत लोग मात्र 5,000 रुपये खर्च करके 1 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल लगवा सकते हैं। पहले जहां इसी क्षमता का सोलर सिस्टम लगाने में 65 हजार से 75 हजार रुपये तक खर्च आता था, अब वही सुविधा बेहद कम कीमत में उपलब्ध होगी। यह योजना केंद्र सरकार की PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana के अंतर्गत लाई गई है।

सरकार दे रही है भारी सब्सिडी
इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण है इसमें दी जा रही सब्सिडी। दरअसल, 1 किलोवाट सोलर पैनल की असली कीमत करीब 70 हजार रुपये होती है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कुल 55,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें 30,000 रुपये केंद्र सरकार और 25,000 रुपये राज्य सरकार वहन करेगी। बाकी का खर्च केवल 5,000 रुपये उपभोक्ता को चुकाना होगा। इतना ही नहीं, इस योजना में टाटा पावर की डिस्कॉम कंपनियां पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी उठाएंगी यानी इंस्टॉलेशन से लेकर क्वालिटी चेक और आफ्टर-सेल्स सर्विस तक सब कुछ कंपनी देखेगी। साथ ही, उपभोक्ताओं को नेट मीटर भी मुफ्त में मिलेगा, जबकि सोलर जेनरेशन मीटर का खर्च उन्हें खुद उठाना होगा।
लंबे समय तक मिलेगा फायदा
टाटा पावर की ओर से इस योजना के तहत लगने वाले सोलर सिस्टम पर 5 साल की वारंटी दी जा रही है, जबकि सोलर पैनल पर 25 साल तक की गारंटी होगी। इसका मतलब है कि एक बार सिस्टम लगने के बाद लंबे समय तक उपभोक्ताओं को फायदा मिलता रहेगा। 1 किलोवाट सोलर पैनल से औसतन 120 यूनिट बिजली हर महीने उत्पन्न होती है, जिससे आम घरों का बिजली बिल लगभग आधा हो सकता है। वहीं अगर परिवार बिजली का ज्यादा इस्तेमाल करता है, तो अतिरिक्त यूनिट्स भी बिजली ग्रिड में भेजकर क्रेडिट पाया जा सकता है।
यह पहल खासतौर पर मध्यमवर्गीय और कम आय वाले परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिन्हें पहले भारी लागत की वजह से सोलर पैनल लगवाने में कठिनाई होती थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल सफल रहा तो देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। साफ है कि यह योजना न सिर्फ बिजली बिल कम करेगी बल्कि भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगी।
यह भी पढ़े – 👉 Loom Solar के 700W TOPCon Panel से चलाए घर का पूरा लोड! जानिए कौन-कौन से उपकरण चला सकते है?