बारिश में सोलर पैनल खराब होते हैं या नहीं? सच्चाई जानें

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | September 4, 2025

सोलर पैनल लगाने वाले हर यूजर के मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या बारिश उनके लाखों के निवेश को नुकसान पहुँचा सकती है। अक्सर सोशल मीडिया और लोगों के बीच यह मिथक फैलता है कि बारिश से सोलर पैनल खराब हो जाते हैं या उनकी बिजली बनाने की क्षमता काफी घट जाती है। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। आज के दौर में जब भारत और पूरी दुनिया Renewable Energy की ओर तेजी से बढ़ रही है, ऐसे मिथकों को तोड़ना बेहद जरूरी हो जाता है।

Do rain damage solar panels

बारिश और सोलर पैनल की असली सच्चाई

आधुनिक सोलर पैनल उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनाए जाते हैं और पूरी तरह वाटरप्रूफ होते हैं। इन्हें IP (Ingress Protection) रेटिंग के तहत तैयार किया जाता है, जिससे ये पानी और धूल दोनों से सुरक्षित रहते हैं। यही कारण है कि सामान्य बारिश से इनकी सीलिंग पर कोई असर नहीं होता और पानी पैनल के अंदर नहीं जा पाता है । भारत जैसे देश में, जहाँ मॉनसून महीनों तक रहता है, लाखों घर और उद्योग बिना किसी समस्या के इन्हें चला रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि बारिश से पैनल खराब होने का डर बेबुनियाद है।

क्या बारिश में बिजली बनाना बंद हो जाता है?

बहुत से लोग मानते हैं कि बारिश के दौरान सोलर पैनल बिजली बनाना बंद कर देते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। पैनल सिर्फ सीधी धूप से ही नहीं, बल्कि बिखरी हुई रोशनी (Diffused Light) से भी बिजली बनाते हैं। हालांकि उत्पादन क्षमता कुछ हद तक कम हो जाती है, लेकिन यह पूरी तरह बंद नहीं होती है। यही वजह है कि जर्मनी, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में, जहाँ साल के ज्यादातर दिन बादल और बारिश में बीतते हैं, वहाँ भी सोलर एनर्जी बड़े पैमाने पर काम कर रही है।

बारिश का छुपा हुआ फायदा

दरअसल, बारिश सोलर पैनल के लिए एक तरह से प्राकृतिक क्लीनिंग एजेंट की तरह काम करती है। समय के साथ पैनलों पर धूल, मिट्टी और गंदगी जम जाती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता 10–15% तक घट सकती है। लेकिन जब बारिश होती है, तो यह गंदगी धुलकर साफ हो जाती है और पैनल ज्यादा रोशनी सोख पाते हैं। यानी बारिश उनके प्रदर्शन को घटाती नहीं, बल्कि कई बार सुधार भी करती है।

किन परिस्थितियों में सावधानी जरूरी है

हालांकि सामान्य बारिश से कोई खतरा नहीं होता, लेकिन ओले, भारी तूफान और लगातार नमी से नुकसान हो सकता है। बड़े आकार के ओले पैनल की सतह पर क्रैक कर सकते हैं, हालांकि ज्यादातर ब्रांडेड पैनल 25 मिमी तक के ओलों को सहने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा, अगर लंबे समय तक पैनल की सीलिंग कमजोर हो जाए तो नमी अंदर जा सकती है। इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि हर 6 महीने में पैनलों की जांच किसी प्रमाणित तकनीशियन से जरूर कराएँ।

साथ ही, पैनल के आसपास पानी जमा न होने दें और यह सुनिश्चित करें कि इनवर्टर व वायरिंग सुरक्षित और सूखी जगह पर हो। बारिश में उड़कर आई पत्तियाँ और मलबा पैनल की सतह को ढक सकते हैं, इसलिए समय-समय पर इन्हें हटाना भी जरूरी है।

निष्कर्ष

बारिश से सोलर पैनल खराब नहीं होते, बल्कि उनकी सफाई और बेहतर परफॉर्मेंस में मदद करते हैं। हाँ, अत्यधिक मौसम और लापरवाही से नुकसान संभव है। इसलिए जरुरी है कि आप थोड़ी सतर्कता बरतें और समय-समय पर पैनलों का निरीक्षण करते रहें। अगर आप सोलर पैनल लगाने की सोच रहे हैं तो बारिश से डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। सही रखरखाव के साथ यह मौसम आपके सोलर पैनलों का सबसे अच्छा साथी साबित हो सकता है।

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