भारत में लगातार बढ़ते बिजली बिल और महंगी टैरिफ दरों ने घर-घर में सोलर पैनल की डिमांड को तेजी से बढ़ा दिया है। खासकर 2 BHK फ्लैट वाले परिवारों के लिए सोलर सिस्टम न केवल बिजली बिल को कम करने का साधन है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बेहद फायदेमंद है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सोलर लगवाने पर ₹60,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है, जिससे इसकी लागत काफी हद तक कम हो जाती है।

2 BHK फ्लैट में कितनी होती है बिजली की खपत?
आमतौर पर एक 2 BHK फ्लैट में पंखे, एलईडी लाइट्स, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन और सीमित समय के लिए 1 टन एसी चलाया जाता है। इन उपकरणों की वजह से महीने में औसतन 250 से 300 यूनिट बिजली की खपत होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस खपत को पूरा करने के लिए 2 से 3 किलोवाट (kW) का ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर्याप्त होता है।
सोलर पैनल की क्षमता निकालने का एक आसान फार्मूला है:
आवश्यक सोलर क्षमता (kW) = मासिक खपत (kWh) ÷ 120
यानी अगर आपकी मासिक खपत 300 यूनिट है, तो (300 ÷ 120) = 2.5 kW सोलर सिस्टम आपके लिए आदर्श रहेगा। 2 kW सिस्टम रोज़ाना 8 से 10 यूनिट बिजली पैदा करता है, जो महीने में करीब 240 से 300 यूनिट तक होती है। इस हिसाब से यह आपके 2 BHK फ्लैट की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त है।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए कितनी जगह और कितनी लागत चाहिए?
अगर आप 2 से 3 kW का सोलर सिस्टम लगवाना चाहते हैं, तो आपको लगभग 200 से 300 वर्ग फीट छायारहित छत की जरूरत होगी। इस क्षमता वाला सिस्टम आपके घर में एलईडी लाइट्स, फ्रिज, पंखे और यहां तक कि एसी जैसे उपकरण भी आराम से चला सकता है।
भारत में 2 kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत ₹1,00,000 से ₹1,70,000 तक होती है, जबकि 3 kW की लागत लगभग ₹1,80,000 तक जा सकती है। अच्छी बात यह है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सरकार सब्सिडी देती है:
- 1 kW पर ₹30,000
- 2 kW पर ₹60,000
- 3 kW या उससे ज्यादा पर अधिकतम ₹78,000
उदाहरण के तौर पर, अगर आप 2 kW सिस्टम लगवाते हैं, तो ₹1,00,000 की अनुमानित लागत में से ₹60,000 सब्सिडी मिलने पर आपका खर्च सिर्फ ₹40,000 रह जाएगा। इसी तरह 3 kW सिस्टम पर ₹78,000 सब्सिडी मिलने से आपकी जेब पर काफी कम बोझ पड़ेगा।
कैसे मिलेगा फायदा और कहाँ से करें रजिस्ट्रेशन
अगर आप अपने फ्लैट के लिए सोलर लगवाना चाहते हैं, तो आप राष्ट्रीय रूफटॉप सोलर पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यहां आपको आपकी लोकेशन, छत के आकार और बिजली खपत के आधार पर सही सुझाव मिलेंगे। साथ ही स्थानीय प्रमाणित एजेंसियां आपको इंस्टॉलेशन से लेकर सब्सिडी क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया में मदद करती हैं।
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