भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और अब आम लोगों के लिए छत पर सोलर पावर प्लांट लगाना और भी आसान हो गया है। सरकार ने हाल ही में सोलर उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 12% से 5% और बैटरियों पर 18% कर दिया है। इस फैसले से न सिर्फ सोलर पैनल सस्ते होंगे बल्कि घरों, दफ्तरों और फैक्ट्रियों की बिजली बिल में भी भारी कमी आने वाली है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की दिशा में बड़ी छलांग साबित होगा।

रिकॉर्ड ग्रोथ के साथ आगे बढ़ा रूफटॉप सोलर
नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में Q2 2025 में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में 121% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें सबसे बड़ा योगदान आवासीय सेक्टर का रहा है, जहां पीएम सूर्य घर योजना के तहत लाखों लोग सोलर अपनाने के लिए आगे आए। अकेले Q2 2025 में 1.6 गीगावॉट क्षमता जुड़ी, जो पिछले क्वार्टर से 33% ज्यादा रही। गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, केरल और राजस्थान जैसे राज्य इस ग्रोथ में सबसे आगे रहे। वहीं, असम जैसे राज्यों ने भी 24% से अधिक की ग्रोथ रेट के साथ नए बाजारों में जबरदस्त तेजी दिखाई।
अब घरों में बिजली बिल होगा कम
सरकार के इस फैसले से आम घरों को सीधा फायदा होगा। रिपोर्ट बताती है कि 74% नए इंस्टॉलेशन आवासीय सेक्टर से आए हैं। इसका मतलब है कि अब लोग अपने घरों की छत पर पैनल लगाकर न सिर्फ मुफ्त बिजली बना रहे हैं बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर रहे हैं। कैपेक्स मॉडल (CAPEX Model) की वजह से लोग एक बार निवेश करके लंबे समय तक फायदा उठा सकते हैं। यही वजह है कि इस मॉडल का हिस्सा 88% तक पहुंच चुका है।
चुनौतियां और आगे की राह
हालांकि तस्वीर पूरी तरह आसान नहीं है। उद्योग विशेषज्ञ बताते हैं कि डीसीआर मॉड्यूल की कमी, नेट-मीटरिंग से जुड़ी अड़चनें और कुछ राज्यों में नीति की अस्पष्टता इस ग्रोथ को धीमा कर सकती है। फिर भी, केंद्र सरकार की नई टैक्स पॉलिसी और पीएम सूर्य गृह जैसे कार्यक्रमों ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आने वाले सालों में भारत रूफटॉप सोलर में विश्व की अगली बड़ी ताकत बनने की राह पर है।
कुल मिलाकर, जीएसटी घटने के बाद सोलर अपनाना अब पहले से कहीं ज्यादा सस्ता और फायदेमंद है। अगर आप भी अपने बिजली बिल को कम करना चाहते हैं और ग्रीन एनर्जी का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह सबसे सही समय है कि अपनी छत पर सोलर पावर प्लांट लगवाएं।
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