भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है और इसी कड़ी में ACME Solar Holdings ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। कंपनी ने टाटा पावर-डी से 50 मेगावॉट (MW) का फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट जीत लिया है। यह प्रोजेक्ट अगस्त 2025 में आयोजित प्रतिस्पर्धी नीलामी के बाद ACME Solar को 4.43 रुपये प्रति यूनिट की दर पर आवंटित किया गया।

टाटा पावर की 250 MW की योजना का हिस्सा
यह प्रोजेक्ट टाटा पावर-डी द्वारा जारी 250 MW टेंडर का अहम हिस्सा है। इस सौदे के तहत ACME Solar को 40% कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (CUF) बनाए रखना होगा और चार घंटे तक लगातार पीक-आवर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। टाटा पावर, जो देश की प्रमुख बिजली वितरण कंपनियों में से एक है, इस प्रोजेक्ट के जरिए उपभोक्ताओं को भरोसेमंद और सस्ती हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है।
सोलर + बैटरी स्टोरेज से मिलेगा भरोसेमंद सप्लाई
इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसमें केवल सोलर पावर ही नहीं, बल्कि बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि धूप न होने की स्थिति में भी बिजली की सप्लाई बनी रहे। आज के दौर में जब भारत बढ़ते बिजली संकट और मांग के दबाव का सामना कर रहा है, ऐसे प्रोजेक्ट न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल समाधान हैं बल्कि उपभोक्ताओं को स्थिर और किफायती ऊर्जा भी उपलब्ध कराते हैं।
24 महीनों में होगा कमीशनिंग
ACME Solar ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट की कमीशनिंग पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर साइन होने के 24 महीने के भीतर कर दी जाएगी। इस कदम से कंपनी का नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो और मजबूत होगा। गौरतलब है कि ACME पहले से ही देशभर में कई बड़े सोलर और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और यह नया समझौता उसके लिए एक और मील का पत्थर साबित होगा।
भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है और ऐसे प्रोजेक्ट्स इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। ACME Solar और टाटा पावर का यह समझौता सिर्फ एक बिजनेस डील नहीं, बल्कि देश के हरित भविष्य की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
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