राजस्थान सरकार ने रविवार को हुए कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में “मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना” को सौर ऊर्जा से जोड़ते हुए आम जनता के लिए बड़ा तोहफा दिया गया। इस योजना के तहत अब प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 150 यूनिट बिजली बिल्कुल मुफ्त मिलेगी।

योजना के तहत कौन होंगे लाभार्थी?
इस योजना में दो तरह के उपभोक्ताओं को जोड़ा गया है। पहला, वे 27 लाख परिवार जिनका औसत मासिक बिजली उपभोग 150 यूनिट से अधिक है। इनके घरों की छत पर 1.1 किलोवाट क्षमता के फ्री सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना” के तहत प्रति संयंत्र 33,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी मिलेगी।
दूसरा, वे उपभोक्ता जिनका मासिक उपभोग 150 यूनिट से कम है। इनमें से लगभग 11 लाख परिवारों को, जिनके घर पर छत उपलब्ध है, फ्री सोलर पैनल दिए जाएंगे। जबकि जिन उपभोक्ताओं के पास छत नहीं है, उनके लिए सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे और वर्चुअल नेट मीटरिंग के ज़रिए उन्हें 150 यूनिट बिजली हर महीने दी जाएगी।
कैसे बदलेगी प्रदेश की तस्वीर?
राजस्थान सरकार का यह कदम न केवल आम जनता की जेब पर बिजली बिल का बोझ घटाएगा, बल्कि राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा। यह देश का पहला ऐसा बड़ा मॉडल है, जिसमें उपभोक्ता सीधे “ऊर्जादाता” बनेंगे। इसका मतलब है कि लोग सिर्फ बिजली उपभोग नहीं करेंगे, बल्कि सौर ऊर्जा से बिजली पैदा कर इसे उपयोग में लाएंगे।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में थर्मल पावर पर निर्भरता कम कर ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ा जाए। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण मिलेगा।
आम जनता को क्या फायदे मिलेंगे?
इस योजना से सबसे बड़ा फायदा आम और मध्यम वर्गीय परिवारों को होगा। जिन घरों का बिजली बिल हर महीने 500 से 700 रुपये आता था, वहां यह खर्च लगभग शून्य हो जाएगा। साथ ही, जो उपभोक्ता अधिक बिजली खपत करते हैं, वे भी छत पर लगे सोलर पैनलों से अतिरिक्त बचत कर पाएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि योजना सफलतापूर्वक लागू हुई, तो राजस्थान न सिर्फ ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि दूसरे राज्यों के लिए भी एक रोल मॉडल साबित होगा। राजस्थान सरकार का यह फैसला आने वाले दिनों में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की तस्वीर बदल सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या राज्य के बाकी उपभोक्ता भी सौर ऊर्जा अपनाने की ओर बढ़ते हैं और क्या यह योजना पूरे देश में लागू करने का रास्ता खोलेगी।
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